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Monday, 4 February 2013

CBSE - Class 9 - हिंदी (ब) - काव्यांश (Hindi-B - Poem Comprehension)

 काव्यांश
[CBSE 2011]
प्र1: निम्नलिखित काव्यांश के संधर्भ में पूछे गए प्रशनों के सही उत्तर वाले विकल्प चुन कर लिखिए ।


मैं  मजदूर मुझे देवों की बस्ती से क्या
अगणित बार धरा पर मैंने स्वर्ग बनाये ।
अम्बर में जितने तारे, उतने वर्षों से
मेरे पुरखों ने धरती का रूप सँवारा ।

CBSE - Class 9 - हिंदी (ब) - काव्यांश (Hindi-B - Poem Comprehension)धरती को सुंदरतम करने की ममता में
बिता चुका  है कई पीढ़ियाँ, वंश हमारा। 
और आगे आने वाली सदियों में
मेरे वंशज धरती का उद्धार करेंगे ।

इस प्यासी धरती के हित में ही लाया था
हिमगिरी चीर सुखद गंगा की निर्मल धारा ।
मैंने रेगिस्तानों की रेती धो - धोकर
वन्ध्या धरती पर भी स्वर्णिम पुष्प खिलाए ।
मैं  मजदूर मुझे देवों की बस्ती से क्या?


1. काव्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक होगा -

(क) मज़दूर और देव
(ख) मजदूर के कर्त्तव्य
(ग) मजदूर की आत्मकथा
(घ) धरती और मजदूर




2. मज़दूर क्या यह आशा नहीं करता -



(क) उसके वंशज धरती का उद्धार करेंगे
(ख) वह देवों की बस्ती में बसेगा
(ग)  धरती का रूप सँवारेगा
(घ) हिमगिरी की निर्मल धारा को लायेगा





3. मज़दूर हिमालय की गोद से गंगा निकाल कर लाया था -

(क) रेगिस्तान की मिटटी धोने के लिए
(ख) बंजर जगहों में फूल खिलाने के लिए
(ग) प्यासी धरती के हित के लिए
(घ) धरा पर स्वर्ग बनाने के लिए






4. 'बंध्या धरती पर भी स्वर्णिम पुष्प खिलाए' से कवी का तात्पर्य है  कि -

(क) बंधी हुई धरती पर सोने के फूल खिलाए
(ख) बंजर धरती पर सोने के फूल खिलाए
(ग) बंजर धरती को फसलों से हरा-भरा किया
(घ) उर्वरा धरती पर सोने के फूल खिलाए





5. अगणित का समानार्थी है -

(क) अज्ञीम
(ख) गुणित
(ग) अगणनीय 
(घ) गणनीय



4 comments:

  1. answer to question number 2 will be 2nd option not the 1st option............... please correct

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  2. Answer of 1 question is 3 option .....correct it. Hope you will. Thank u .

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  3. Dost thank you isliye main apke ad par click karne ja raha hoon 50 bar

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