हिंदी ब - बड़े भाई साहब - गद्यांश - बहुविकल्प प्रश्न
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए।
मेरा जी पढ़ने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ था। मौका पाते ही हॉस्टल से निकलकर मैदान में आ जाता और कभी कंकरियाँ उछालता, कभी कागज़ की तितलियाँ 'उड़ाता' और कहीं कोई साथी मिल गया, तो पूछना ही कया। कभी चारदीवारी पर चढ़कर नीचे कूद रहें हैं। कभी फाटक पर सवार, उसे आगे-पीछे लाते हुए मोटरकार का आनंद उठा रहे हैं, लेकिन कमरे में आते ही भाई साहब का वह रुद्र-रूप देखकर प्राण सूख जाते। उनका पहला सवाल यह होता- “कहाँ थे'? हमेशा यही सवाल, इसी ध्वनि में हमेंशा पूछा जाता था और इसका जबाब मेरे पास केवल मौन था। न जाने मेरे मुँह से यह बात क्यों न निकलती कि ज़रा बाहर खेल रहा था। मेरा मौन कह देता था कि मुझे अपना अपराध स्वीकार है और भाई साहब के लिए उसके सिवा और कोई इलाज न था कि स्नेह और रोष से मिले हए शब्दों में मेरा सत्कार करें।
(१) किसका मन पढ़ाई में बिलकुल भी नहीं लगता था?
(क) बड़े भाई साहब का
(ख) लेखक का
(ग) दोनों का
(घ) किसी का नहीं
(२) लेखक को एक घंटे की पढ़ाई कैसी लगती थी?
(क) दौड़ लगाने जैसी
(ख) पहाड़ जैसी
(ग) खेल जैसी
(घ) सभी विकल्प
(३) लेखक की रुचि थी-
(क) कागज की तितलियाँ उड़ाना
(ख) पत्थरों के छोटे टुकड़े उछालना
(ग) दोनों सही
(घ ) कोई भी नहीं
(४) भाई साहब के किस रूप को देखकर लेखक डर जाता हैं?
(क) भय वाला रूप
(ख) गुस्से बाला रूप
(ग) प्रेम वाला रूप
(घ) कोई भी नहीं
(५) 'पहाड़' का पर्यायवाची नहीं है-
(क) गिरि
(ख) पर्वत
(ग) शैल
(घ) नीर
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