अपठित बोध
(unseen passage)
नाव |
नदी के उस पार जाने को
मेरा बहुत मन करता है माँ;
वहाँ कतार में
बंधी है नावें बांस की खूँटियों से |
उसी रास्ते दूर-दूर जाते हैं
हल जोतने किसान
कंधो पर हल रखे,
रंभाते हुए गाए-बैल
तैर कर जाते है उस पार
घास चरने
शाम को जब वे
लौटते है घर
ऊँची-ऊँची घास में छिपकर
हुक्के - हो करते हैं सियार |
माँ तू बुरा ना माने तो
बड़ा होकर मैं नाव खेने वाला
एक नाविक बनूँगा |
प्र१: इस कविता में कौन किसे संबोधित कर रहा है ?
(क) लेखक अपनी माँ को
(ख) लेखक के रूप में एक बच्चा माँ को
(ग) लेखक नाविक की माँ को
(घ) कोई किसी को नहीं
प्र२: लेखक नाविक क्यों बनना चाहता है ?
(क) वह नदी पार के सौन्दर्य का आनंद उठाना चाहता है
(ख) वह हल चलाना चाहता है
(ग) वह नदी की यात्रा का मज़ा लेना चाहता है
(घ) वह नाव चलाने संबंधी अपने शौक़ को पूरा करना चाहता है
प्र३: नावों को बांसों की खूँटियों से क्यों बंधा गया होगा ?
(क) ताकि कोई दूसरा व्यक्ति नाव ना ले जाए
(ख) नाविक ऐसा ही करते हैं
(ग) कहीं लहरें नाव को बहा ना ले जाएँ
(घ) बांसों की खूँटियाँ पानी में तैरती रहती हैं |
प्र४: 'माँ तू बुरा ना माने तो' पंक्ति किस ओर संकेत नहीं करती ?
(क) लेखक माँ के संवेगों का ध्यान रखता है
(ख) लेखक जानता है कि माँ उसे नाविक नहीं बनने देगी
(ग) लेखक माँ की इच्छा के अनुसार कार्य करना चाहता है
(घ) माँ को बुरा लग गया है
प्र५: कविता में पुनरुक्त शब्द युग्म आये है
(क) दूर - दूर
(ख) ऊँची-ऊँची
(ग) दूर - दूर, ऊँची-ऊँची
(घ) गाए-बैल
प्र६: 'तैरकर जाते है उस पार' पंक्ति में "तैरकर" शब्द को पहले रखा गया है क्योंकि
(क) वह क्रिया शब्द है
(ख) कविता में क्रिया शब्द पहले आते हैं
(ग) लेखक तैरने पर बल देना चाहता है
(घ) लेखक तुक मिला रहा है
उत्तर:
१: (ख) लेखक के रूप में एक बच्चा माँ को
२: (क) वह नदी पार के सौन्दर्य का आनंद उठाना चाहता है
३: (ग) कहीं लहरें नाव को बहा ना ले जाएँ
४: (घ) माँ को बुरा लग गया है
५: (ग) दूर - दूर, ऊँची-ऊँची
६: (ग) लेखक तैरने पर बल देना चाहता है
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ReplyDeleteप्रश्न 4 का उत्तर सठिक नहीं लग रहा।
ReplyDeleteप्रश्न 4 का उत्तर सठिक नहीं लग रहा।
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