Wednesday, 15 October 2025

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम : बच्चों के प्रिय "मिसाइल मैन" | #eduvictors | article

 डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम : बच्चों के प्रिय "मिसाइल मैन"



भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। वे साधारण परिवार से थे, लेकिन अपनी मेहनत, लगन और सपनों की ताक़त से उन्होंने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि कठिन परिस्थितियाँ भी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकतीं।


वैज्ञानिक उपलब्धियाँ

डॉ. कलाम को "मिसाइल मैन ऑफ इंडिया" कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और इसरो (ISRO) में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

- उन्होंने स्लव(SLV)-III और पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल जैसे प्रक्षेपण यानों के विकास में अहम भूमिका निभाई।

- भारत के अग्नि और पृथ्वी मिसाइल कार्यक्रमों के जनक के रूप में वे प्रसिद्ध हुए।

- 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण में भी उनका योगदान ऐतिहासिक रहा।

लेखन और प्रेरणा

डॉ. कलाम केवल वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक महान लेखक और विचारक भी थे। उनकी किताबें जैसे "विंग्स ऑफ फायर", "इग्नाइटेड माइंड्स" और "इंडिया 2020" युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा देती हैं।

बच्चों के लिए विशेष संदेश

डॉ. कलाम का बच्चों से विशेष लगाव था। वे हमेशा कहते थे कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं। उनका प्रसिद्ध कथन है:

सपना वह नहीं जो आप सोते समय देखते हैं, सपना वह है जो आपको सोने न दे।

वे बच्चों को हमेशा मेहनत, ईमानदारी और अनुशासन के साथ आगे बढ़ने की सलाह देते थे। उनका मानना था कि हर बच्चा अपनी प्रतिभा और मेहनत से देश को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है।

निष्कर्ष

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा है। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियाँ, उनकी किताबें और उनके विचार हमें यह सिखाते हैं कि यदि हम बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

आज उनकी जयंती पर हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि हम भी उनके बताए रास्ते पर चलकर अपने जीवन को सार्थक बनाएँ और देश की प्रगति में योगदान दें।


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