Sunday, 4 June 2017

CBSE Class 9 - Hindi(B) - कक्षा ९ - हिंदी (ब) - स्पर्श - कविता आदमीनामा (प्रश्न - उत्तर) (#cbseNotes)

कक्षा ९ - हिंदी (ब) - स्पर्श -
कविता आदमीनामा
(प्रश्न - उत्तर)

CBSE Class 9 - Hindi(B) - कक्षा ९ - हिंदी (ब) - स्पर्श - कविता आदमीनामा (प्रश्न - उत्तर) (#cbseNotes)

कवि: नजीर अकबराबादी

प्रश्न १ : कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बखान करती है? क्रम से लिखिए|
उत्तर :
१. बादशाह के रूप में भी होता है और वह गरीब व भिखारी के रूप में भी होता है|
२. एक आदमी मालदार होता है और दूसरा आदमी कमजोर होता है|
३. एक आदमी को खाने के लिए स्वादिष्ट भोजन मिलता है और दूसरे आदमी को सूखी रोटियां चबानी पड़ती है|


प्रश्न २: चारों छंदों में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए| 



उत्तर :

सकारात्मक नकारात्मक
१. एक आदमी शाही जीवन व्यतीत करता है| दूसरे आदमी को गरीबी में दिन बिताने पड़ते हैं|
२. एक आदमी को स्वादिष्ट भोजन मिलता है| दूसरे आदमी को सुखी रोटियां चबानी पड़ती है|
३. एक आदमी मालदार होता है| दूसरे आदमी को कमजोरी झेलनी पड़ती है|
४. सहायता करने वाला भी आदमी है| अपमानित करने वाला भी आदमी ही है|
५. चोर पर निगाह रखने वाला भी आदमी है| उनकी जूतियां चुराने वाला भी आदमी ही है|

प्रश्न ३: "आदमीनामा" शीर्षक कविता के इन अंशो को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती है?

उत्तर: "आदमीनामा" शीर्षक कविता के इन अंशो को पढ़कर हमें पता चलता है कि इस दुनिया में अलग-अलग प्रकार के आदमी मिलते हैं| कुछ आदमी संत फकीर स्वभाव के होते हैं और कुछ लोग स्वार्थी|  आदमी अपने कार्यों से ही अच्छा या बुरा बनता है| आदमी कितना ही बुरा या भला बन जाए पर वह आदमी ही है| 


प्रश्न ४ : इस व्यक्ति इस कविता को इस कविता का कौन सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?

उत्तर : इस कविता की सभी पंक्तियाँ रोचक है | मुझे 'नमाज व जूतियाँ चुराने वाला ...' भाग सबसे अच्छा लगा | यहाँ  कवि ने मनुष्य के सद्गुण और अवगुण दोनों का परिचय दिया | ऐसा लगता है की मनुष्य में दोनों, गुण और अवगुण, एक साथ बसते हैं  |  गीता के अनुसार किं कर्म किमकर्मेति कवयोऽप्यत्र मोहिता: अर्थार्त  संसार में करणीय क्या है और अकरणीय क्या है !  


प्रश्न ५: आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए| 

उत्तर : 
१. आदमी को कभी सुख मिलता है तो कभी दुख| 
२. कुछ आदमी शरीफ होते हैं और कुछ बुरे| 
३. आदमी ही आदमी की मदद करता है| 
४. आदमी के अंदर ही आदमीयत और इंसानियत होती है| 
५. आदमी अपने व्यवहार के अनुसार कार्य करता है| 


प्रश्न ६: आशय स्पष्ट कीजिए
(क) दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी 
और मुफ़लिस - ओ - गदा है सो है वह भी आदमी

उत्तर : प्रस्तुत पंक्तियों में आदमी के महत्व के विषय में बतलाया है| आदमी ही राजा व आदमी ही फकीर है| यह आदमी के दोनों रूपों का वर्णन किया है| दोनों की स्थिति में जमीन आसमान का अंतर है|

(ख) मशरूफ और ककमीने  से शाह ता वजीर 
यह आदमी ही करते हैं सब कारे दिल पज़ीर 

उत्तर : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते हैं कि आदमी ही सज्जन और बुरे होते हैं| राजा से मंत्री तक सब आदमी ही होते हैं|  दिल को अच्छे लगने वाले कार्य भी आदमी के द्वारा ही किए जाते हैं| संसार में अच्छा भी आदमी होता है और संसार में जो सबसे बुरा होता है वह भी आदमी ही होता है

प्रश्न ७: निम्न में अभिव्यक्त व्यंग को स्पष्ट कीजिए
पढ़ते हैं आदमी ही कुरान और नमाज यां 
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियां
जो उनको ताड़ता है सो है वह भी आदमी


उत्तर: कवि आदमी के स्वभाव पर व्यंग करते हुए कहते हैं कि इस संसार में जहां एक और तो कुछ लोग मस्जिद में कुरान शरीफ पढ़ने और नमाज अदा करने जाते हैं|  पर उनमें कुछ ऐसे आदमी भी होते हैं जो वहां आने वालों की जूतियां चुराते हैं|  उन जूता चोरों पर नजर रखने वाले भी आदमी ही होते हैं| इन लोगों का ध्यान परमात्मा की और नहीं बल्कि अपने अपने शिकार पर होता है| 


प्रश्न ८: पगड़ी भी आदमी की उतारे हैं आदमी 
           चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
           और सुन के दौड़ता है सो है वह भी आदमी

उत्तर : कवि ने आदमी के स्वभाव पर यह व्यंग किया है कि एक आदमी ऐसा भी होता है जो दूसरों का अपमान करने में भी जरा नहीं झिझकता | तो दूसरी ओर एक पुकारता है तो दूसरा उसकी सहायता के लिए दौड़ा चला आता है| आदमी ही दूसरों का सम्मान करता है और दूसरों का अपमान करने वाला भी आदमी है| 


प्रतिपाद्य

कविता आदमीनामा 
कवि नजीर अकबराबादी

'आदमीनामा' नामक  नज्म में नजीर अकबराबादी  ने ईश्वर की अनुपम रचना आदमी को आईना दिखाते हुए उसको उसकी अच्छाइयों, सीमाओं और संभावनाओं से परिचित कराते है | इन  सद्गुणों को अपने जीवन में अपनाकर, संसार को और भी सुंदर बनाने की प्रेरणा दी है|  इस दुनिया में आदमी ही सब कुछ करता प्रतीत होता है| इस संसार में अमीर- गरीब, राजा- रंक, स्वादिष्ट भोजन करने वाला, टुकड़े चलाने वाले, आदमी की जान लेने वाले, आदमी पर जान निछावर करने वाले, शरीफ आदमी, बुरे आदमी आदि सभी प्रकार के आदमी हैं| अच्छे से अच्छे कार्य  भी आदमी करता है और बुरे से बुरा काम भी आदमी करता है| 

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