कक्षा १० / ९ - हिंदी व्याकरण - संरचना (बनावट) के आधार पर क्रिया भेद
संरचना की दृष्टि से क्रिया के पांच भेद है :
१.प्रेरणार्थक क्रिया
२.संयुक्त क्रिया
३.कृदन्त क्रिया
४. नामधातु क्रिया
५. पूर्वकालिक क्रिया
१ . प्रेरणार्थक क्रिया
जिस क्रिया से इस बात का ज्ञान हो कि कर्ता स्वयं कार्य न कर किसी अन्य को उसे करने के लिए प्रेरित करता है, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं ।
जैसे- बोलना- बोलवाना, पढ़ना- पढ़वाना, खाना- खिलवाना, बनवाना इत्यादि ।
२. संयुक्त क्रिया
जब दो या दो से अधिक क्रियाएँ मिलकर किसी पूर्ण क्रिया को बनाती है, संयुक्त क्रियाएँ कहलाती है ।
जैसे- कर लिया, सो गया, काट लिया, गाता गया आदि।
३. कृदन्त क्रिया -
शब्द के अन्त में कृत प्रत्यय के लगने से कृदन्त क्रियाएँ बनती है ।
जैसे –
चल+ता – चलता
चल+आ –चला,
दौड़+आ -दौड़ा
चल+कर – चलकर
४ . नामधातु क्रिया -
मूल धातुओं से भिन्न – ‘संज्ञा’ ‘सर्वनाम’ ‘विशेषण’ आदि शब्दों से बनने वाली धातुओं को नामधातु क्रिया कहते है ।
जैसे – फ़िल्माना, शरमाना, लजाना, हिनहिनाना आदि।
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