Saturday 12 September 2020

कक्षा ९ हिंदी स्पर्श पाठ - एवेरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (प्रश्न - उत्तर) (CBSE Class 9 Hindi B - Everest Meri Shikhar Yatra - Questions and Answers)(#eduvictors)(#class9Hindi)

एवेरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (प्रश्न - उत्तर)

कक्षा ९ हिंदी स्पर्श  पाठ 

लेखिका : बचेंद्री पाल 

कक्षा ९ हिंदी स्पर्श  पाठ - एवेरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (प्रश्न - उत्तर) (CBSE Class 9 Hindi B - Everest Meri Shikhar Yatra - Questions and Answers)(#eduvictors)(#class9Hindi)


प्रश्न - उत्तर


प्रश्न १: शेरपा कुलियों के साथ क्या दुर्घटना घटी थी?

उत्तर- ल्होत्से की ओर से एक बहुत बड़ी बर्फ़ की चट्टान नीचे खिसक आई थी जिससे सोलह शेरपा कुलियों के दल में से एक की मृत्यु हो गई और चार घायल हो गए ।


प्रश्न २: कर्नल खुल्लर ने अभियान दल के उदास सदस्यों को किस तथ्य से परिचित करवाया?

उत्तर- कर्नल खुल्लर ने अभियान दल के उदास सदस्यों को इस तथ्य से परिचित करवाया कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो  मृत्यु  को भी सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए ।



प्रश्न ३: अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था ? उन्होंने अभियान दल के सदस्यों को क्या जानकारी दी ?

उत्तर- अग्रिम दल का नेतृत्व प्रेमचंद कर रहे थे। उन्होंने अभियान दल के सदस्यों को पहली बड़ी बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया तथा बताया कि उनके दल ने कैंप-एक तक का रास्ता साफ़ कर दिया है।


प्रश्न ४: बचेद्रीं पाल को उनके उपनेता ने किन खतरनाक परिस्थितियां से अवगत कराया
                                            अथवा
          खतरनाक स्थिति के उत्पन्न होने का क्या कारण था?

उत्तर- उन्हें उपनेता प्रेमचंद द्वारा बताया गया कि ग्लेशियर के बहने से अकसर बर्फ़ में हलचल हो जाती थी, जिससे बर्फ़ की बड़ी-बड़ी चट्ठानें तत्काल गिर जाती हैं। अन्य कारणों से भी अचानक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है।


प्रश्न ५: कौन सा ख्याल बहुत डरावना था?

उत्तर- आशय-हिमपात का अव्यवस्थित ढंग से गिरना स्वयं में डरावना था। सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र ख्याल ही बहुत डरावना था।


प्रश्न ६ : ग्लेशियर किसे कहते हैं ? इसके बहने का क्या परिणाम होता है?
                                                       अथवा
            ग्लेशियर खतरनाक स्थिति कब ग्रहण करता है ?

उत्तर- ग्लेशियर बर्फ की नदी को कहते हैं। इसके बहने से अकसर बर्फ़ में हलचल हो जाती है, बड़े-बड़े हिमखंड गिरने लगते हैं, कभी-कभी धरती में दरार तक पैदा हो जाती है।


प्रश्न ७: तेनजिंग ने कया कहकर लेखिका का उत्साहवर्धन किया?

उत्तर- तेनजिंग ने यह कहकर लेखिका का उत्साहवर्धन किया कि वह एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए । पर जाना और वापस आना था, जो बहुत कठिन और श्रमसाध्य था।

प्रश्न ८: लेखिका को “सागरमाथा' नाम क्यों अच्छा लगा?

उत्तर- नेपाल के लोगों के साथ अपनत्व का अनुभव, वहाँ की भाषा से लगाव और नमचे बाज़ार, शेरपालैंड से एवरेस्ट को देखने के कारण लेखिका को नेपालियों में प्रसिद्ध 'सागरमाथा' नाम अच्छा लगा।


प्रश्न ९: लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?

उत्तर- एवरेस्ट की चोटी पर एक भारी बर्फ़ का बड़ा फूल ( प्लूम ) था जो लेखिका को पर्वत पर लहराता हुआ एक ध्वज जैसा लग रहा था।

प्रश्न १०: हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए ?
                                            अथवा
              बेस कैंप-3 में पर्वतारोहियों के साथ क्या दुर्घटना घटी ?

उत्तर-  खुंभु हिमपात पर जाने वाले अभियान दल के रास्ते के बाई तरफ़ सीधी पहाड़ी के धसकने से, एक बहुत बड़ी बर्फ की चट्टान के खिसकने से सोलह शेरपा कुलियों में से एक की मृत्यु हो गई और चार शेरपा घायल हो गए।

प्रश्न ११ : मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?

उत्तर- शेरपा की मृत्यु के दुखद समाचार से छाए अवसाद को देखकर अभियान दल के नेता कर्नल खुल्लर ने कहा कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए।

प्रश्न १२:. रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई ?

उत्तर- जलवायु अनुकूल न होने के कारण एक रसोई सहायक की मृत्यु हो गई थी।


प्रश्न १३:. कैप-चार कहाँ और कब लगाया गया?

उत्तर-  कैंप-चार 29 अप्रैल को 7900 मीटर की ऊँचाई पर साउथ कोल में लगाया गया था।


प्रश्न १४: लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया?

उत्तर- लेखिका ने अपना परिचय यह कहकर दिया कि मैं बिलकुल ही नौसिखिया हूँ और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है।


प्रश्न १५: लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी ?
                                           अथवा
             कर्नल खुल्लर की प्रसन्नता को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।

उत्तर- लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने कहा कि वे उसकी अनूठी उपलब्धि पर बहुत खुश हैं और उनके माता-पिता को बधाई देना चाहते हैं। देश को बचेंद्री पर गर्व है।


प्रश्न १६: एवरेस्ट अभियान का तीसरा दिन किस अभ्यास के लिए था?

उत्तर- तीसरा दिन कैंप-एक तक सामान ढोकर चढ़ाई का अभ्यास करने के लिए निश्चित था। लेखिका और रीता गोंबू  'वॉकी-टॉकी' के माध्यम से अपने हर कदम की जानकारी बेस कैंप पर कर्नल खुल्लर को दे रहे थे।


प्रश्न १७: प्लूम अर्थात्‌ भारी बर्फ़ का बड़ा फूल कैसे बनता है?

उत्तर- जब हिम-शिखर की ऊपरी सतह के आस-पास 150 किलोमीटर या इससे भी अधिक गति से हवा चलती है तो सूखी बर्फ़ हवा में ऊपर उठने लगती है। वही बर्फ़ हवा में इकट्ठी होकर बहुत बड़े फूल (प्लूम) का रूप धारण कर लेती है।


प्रश्न १८: लेखिका किसे देख भौंचक्की रह गई और देर तक निहारती रही?

उत्तर- बेस कैंप पहुँचने पर दूसरे दिन लेखिका ने एवरेस्ट पर्वत और उसकी अन्य श्रेणियाँ देखी । इन्हें देख लेखिका भौंचक्की रह गई और वह एवरेस्ट, ल्होत्से और नुत्से की उँचाइयों से घिरी बर्फ़ीली टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।


प्रश्न १९: बेस कैंप में लेखिका की मुलाकात किससे हुई ? उसने लेखिका का उत्साहवर्धन कैसे किया ?

उत्तर- बेस कैंप में लेखिका की मुलाकात तेनजिंग से हुई । जब लेखिका ने खुद को नौसिखिया बताया तो उन्होंने कहा कि शिखर पर पहुँचने के लिए उन्होंने भी सात बार प्रयास किया था किंतु वह एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती है, वह पहले ही प्रयास में शिखर पर पहुँच जाएगी ।


प्रश्न २०: बचेंद्री की एवरेस्ट यात्रा में ल्हाटू ने रेगुलेटर में क्या परिवर्तन किया ?

उत्तर- ल्हाटू ने देखा कि लेखिका उँचाइयों के लिए सामान्यत: आवश्यक चार लीटर ऑक्सीजन की अपेक्षा ढाई लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट की दर से लेकर चढ़ रही थी । ल्हाटू ने लेखिका के रेगुलेटर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ा दी, जिससे लेखिका को सपाट और कठिन चढ़ाई भी आसान लगने लगी ।


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