पुस्तकें एवं कंप्यूटर - किसका वर्चस्व ?
श्रमार्जन जीवनपर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है । यह ज्ञान हम विभिन्न इन्द्रियों द्वारा भिन्न - भिन्न स्त्रोतों से प्राप्त करते हैं ।
परन्तु पुस्तकें प्राचीन कल से ज्ञान अर्जन का एक सार्थक साधन रही हैं । पुस्तकों द्वारा हम वह समय जो हमने देखा नहीं, सुना नहीं परन्तु उपरोक्त का सम्पूर्ण ज्ञान हम प्राप्त कर सकते हैं ।
जैसे - जैसे मनुष्य का बौद्धिक विकास हुआ वैसे -2 तकनीकी विकास ने करवट ली । और उसने सम्पूर्ण विश्व को एक मुट्ठी में सिकोड़ लिया । इसीका विश्वव्यापी उदहारण है - कम्प्यूटर । कंप्यूटर पर घर बैठे ही हमें विश्वदर्शन हो जाता है और इतना ही नहीं हमें विश्व की घटनायों से जोड़ भी सकता है ।